चिट्ठाजगत तकनीकी रूप से समृद्ध एग्रीगेटर है, ब्लॉगवाणी से फीचर्स के मामले में अव्वल। दीगर बात है कि पैकेजिंग और रूप के मामले में चिट्ठाजगत पिछड़ जाता है। पर एक चीज़ जिसमें ब्लॉगवाणी चिट्ठाजगत से आगे है और वो है धाक का मामला, जी नहीं मैं फाँट वगैरह बनाने की धाक की नहीं बल्कि चिट्ठाजगत पर “धाक” संख्या और ब्लॉगवाणी पर “पसंद” संख्या की बात कर रहा हूं।
चिट्ठाजगत की धाक स्वचालित रूप से आती है, मुझे नहीं पता कहाँ से आती है। पर ब्लॉगवाणी का खास फ़ीचर है “डिग” शैली का पसंदोमीटर।
कुछ समय पहले घुघुती जी ने लिखा था कि अपना लिखा पसंद है ये समझाने के लिये पसंदोमीटर में 1 थपकी तो दिखनी ही चाहिये। तो इस खुराफात को अंजाम देने के लिये आपको फायरफाक्स की ज़रूरत होगी। अब अपनी पोस्ट पर जाकर पसंदोमीटर को थपकायें, दूसरी थपकी देने पर वो आपको धमकायेगा कि “आपका मत दर्ज किया जा चुका है” वगैरह, पर आप हार न मानें।
ब्राउज़र को रिफ्रेश करें और थपकी दुबारा लगायें। लग गया न? नहीं लगा तो एक बार और रिफ्रेश करें या ब्राउज़र बंद कर पुनः खोलें। बस अब जितना मन चाहें इस प्रक्रिया को दुहरायें। आज अपन ने ये बीड़ा उठाया और चुना एक ऐसी पोस्ट को जिसका शीर्षक मेरे मन की बात करता है, “कविता हमारे समय का सबसे बड़ा फ्रॉड है”। इसको देखिये कैसे ज़ीरो से हीरो बना दिया।
ध्यान दें कि इसमें कुकी वगैरह हटाने का दुष्कर्म नहीं किया गया। पर पसंदोमीटर पर सरसरी नज़र डालने पर अपन राम का मन कहता है कि ये राज़ कई और खुराफातियों को भी मालूम था
पुनःश्च: अगर दिल पे लगी हो तो टिप्पणी करने का कष्ट न करें....
DEEPIKA
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