Wednesday, January 5

सूरज

वह पढ़ने में बहुत अच्छा है. वह सोचता भी बहुत है. उसकी दो बहन है और वह सबसे बड़ा. बड़ा होने के नाते वह अपने परिवार के लिए बहुत कुछ करना चाहता है उसका नाम सूरज है. सूरज के पिता मज़दूर है, एक दिन काम करते वक़्त तीसरी मंजिल से एक कच्ची दीवार उनके ऊपर गिर गयी,दुर्भाग्यवश उनका दया हाथ टूट गया था. करीब दो महीने तक काम पर न जा पाने के कारण, सूरज के परिवार को कई मुसीबतों का सामना करना पड़ा. सूरज को वे दिन अब तक अच्छे से याद है जब माँ दुसरो के घरों के जूठे बर्तन धो कर घर चलाती थी.सूरज अपने घर की हालत देख कर कभी कुछ नही मांगता था, हालाँकि अपने दोस्तों की तरह अच्छे कपड़े पहनने का उसका बड़ा मन करता था. एक दिन वह घर के बाहर अकेला बैठा कुछ सोच रहा था, एकाएक उसकी नजर आँगन में एक छोटे से गड्ढे पर पड़ती है. गड्ढे में चींटियों का एक झुंड है. चींटियाँ लाइन से जा रही है वह चींटियों की लाइन को देखता हुआ बहुत दूर तक पहुँच जाता है जहाँ एक कीड़ा मरा पड़ा है. सभी चींटियाँ उस कीड़े का एक-एक अंश अपने मुंह में रख कर जा रही है. यह सब देख कर वह सोचता है की मैं भी इन चींटियों की तरह खूब मेहनत करूँगा और एक दिन बहुत बड़ा आदमी बनूँगा... आज रात वह बिलकुल नहीं सोया,क्योंकि कल उसके स्कूल में पेपर थे.वह दंसवी में पढता है उसके सारे पेपर बहुत अच्छे गये थे ...वह बहुत खुश है और अपने पेपर की मार्कशीट लेने जा रहा है.मार्कशीट हाथ में लेते ही उसकी आँखें फटी की फटी रह गयी ,वह बहुत रोया, उसे समझ नही आ रहा है कि वह क्या करे वह भागता हुआ गया और ट्रेन कि पटरी पर जा कर खड़ा हो गया. उधर से ट्रेन रफ़्तार में उसकी तरफ बढ़ रही थी....शाम को उसके घर पर एक दूसरी मार्कशीट आई,  जिसमे सूरज प्रथम आया था. मार्कशीट देखकर माँ बहुत खुश हुई . वह अभी तक सूरज की राह देख रही है पर वह घर वापस कभी नहीं आया... वह फैल वाली मार्कशीट किसी दुसरे सूरज की थी जो सूरज को मिली थी .........


''यदि हम जीवन में 'सूरज' के जाने पर रो पड़ेंगे तो आंसू भरी आँखें सितारें कैसे देख सकेंगी"

1 comment:

  1. Aray Kya Baat Haie Bhaut Kuch Improve Hogaya Hai...lage raho u become a best Blogger...

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