बीआर चोपड़ा की यादगार फिल्मे ......भारतीय फ़िल्म इतिहास में फ़िल्मकार बीआर चोपड़ा का नाम बड़ा अदब से लिया जाता है. यहाँ मैं उनकी कुछ फिल्मों पर रौशनी डालने जा रही हूँ
बीआर चोपड़ा ने अपनी फ़िल्मों में विधवा पुनर्विवाह, वेश्यावृत्ति जैसे कई विषयों को उठाया.
1957 में आई उनकी फ़िल्म नया दौर में नेहरू काल के आर्दश झलकते हैं तो 1958 में आई साधना वेश्यावृत्ति के मुद्दे पर समाज से सवाल करती नज़र आती है.
गुमराह, हमराज़,क़ानून और निकाह जैसी फ़िल्में का नाम उनकी बनाई फ़िल्मों की सूची में शामिल है.
हालांकि बीआर चोपड़ा की ज़्यादातर फ़िल्में किसी न किसी सामाजिक मुद्दे पर आधारित होती थीं लेकिन इन प्रयोगात्मक फ़िल्मों ने बॉक्स ऑफ़िस पर भी कमाल दिखाया.
नया दौर की कहानी को कई टॉप निर्देशकों ने ठुकरा दिया था लेकिन बीआर चोपड़ा ने रिस्क लिया और फ़िल्म बनाई.
बीआर चोपड़ा के बेटे रवि चोपड़ा ने कहा, "मेरे पिता काम को अंजाम देने में विश्वास रखते हैं. मेरे लिए वो सर्वश्रेष्ठ निर्देशक हैं और रहेंगे."
नया दौर का रंगीन वर्ज़न भी काफी समय पहले रिलीज़ हो गया है. आईये धन्यवाद करते है चोपड़ा जी को जिन्होंने समाजिक बुराइयों को फिल्म के रूप में हमारे सम्मुख रखा.
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